भगवान शिव ने समस्त लोगों के कल्याण के लिए अपने नेत्रों से आंसू के रूप में रुद्राक्ष उत्पन्न किए चूँकि भगवान शिव कल्याण करने वाले देवता हैं इसलिए उनकी आँख से प्रथम आंसू गिरते ही एक मुखी रुद्राक्ष उत्पन्न हुए इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है | एक मखी को साक्षात भगवान शिव का स्वरुप माना गया है और इस ब्रह्माण्ड की कल्याणकारी वस्तुओं में एक मुखी रुद्राक्ष पहले नंबर पर आता है | एक मुखी दो प्रकार के दाने इस धरती पर पाए गए हैं | एक गोल आकार में है और दूसरा काजू के आकार में है लेकिन जो इसमें नेपाल का गोल दाना है |
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1 मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी
रुद्राक्ष (1 Mukhi Rudraksha) को हमेशा साफ स्थान पर रखना चाहिए। इसे गंदे हाथों
से नहीं छुना चाहिए। जो लोग एकमुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं वे पापकर्मों में
संलिप्त नहीं होते हैं क्योंकि यह आपको गलत रास्ते की ओर जाने से रोकता है। आमतौर
पर रुद्राक्ष को विशेष लाभ के लिए पहना जाता है आपको बता दें कि एक मुखी रुद्राक्ष
में बहुत अधिक ऊर्जा होती है इसलिए इसे शुरुआत में धारण करने पर आपको बेचैनी या
चक्कर महसूस हो सकते हैं।
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इसके धारण करने से शत्रुओं के षड़यंत्र से बचा जा सकता है और
भक्ति, मुक्ति, युक्ति एवं धन लक्ष्मी की प्राप्ति में भी यह रुद्राक्ष सहायक है |
शरीर में हाई 'बीपी' इसके धारण करने से धीरे-धीरे नियंत्रित होने
लगता है।
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एक मुखी रुद्राक्ष (Ek mukhi Rudraksha)
पहनने के लाभ
यह
रुद्राक्ष मन को स्पष्टता देता है और आपको ईश्वर से जोड़ता है
इसमें
सहस्त्र चक्र का ध्यान रखा गया है जो स्वर्ग और पृथ्वी के बीच की कड़ी का प्रतीक
है
एक मुखी
रुद्राक्ष पहनने वाले को आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्रदान करता है
यह
पहनने वाले की इच्छा को पूरा करता है
यह
रुद्राक्षधारी के पापों और पिछले कर्मों को नष्ट कर देता है
यह कुछ
दिनों में माइग्रेन को ठीक करने में मदद करता है
यह
अवसाद, चिंता और ओसीडी को ठीक करने में मदद करता है
यह
न्यूरोटिक विकारों में मदद करता है
यह मन
की शांति पाने में मदद करता है
यह
एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है
यह आपको
अपनी इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण रखने में मदद करता है
यह
रतौंधी को ठीक करने में मदद करता है
यह
श्वसन रोगों को ठीक करने में मदद करता है
यह
क्रूर ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में मदद करता है
विशेष
रूप से जन्म कुंडली में सूर्य के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए पहना जाता
है
यह
पहनने वाले को महत्वाकांक्षी बनाता है
जब घर
में रखा जाता है तो यह पूरे परिवार में शांति और सद्भावना को पैदा करता है
यह जीवन
से जटिलताओं को दूर करता है
यह
गुस्से को नियंत्रित करने में मदद करता है
रुद्राक्ष
धारण करने वाले को नेतृत्व गुणों के साथ और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है
एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
एक मुखी
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार का दिन शुभ माना जाता है।इसे धारण करने से
पहले गंगाजल या दूध से शुद्ध करना चाहिए।
सोमवार को सुबह स्नानादि करने के पश्चात रुद्राक्ष को पहनना उत्तम होता है।पूर्व
दिशा में बैठकर इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए और ऊँ नम: शिवाय का 108 बार जाप
करना चाहिए।
यह भी सलाह दी जाती है कि एकमुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी की माला के साथ पहनना
चाहिए या इसे लाल धागे के साथ पहनना
चाहिए।
नोट:
सुनिश्चित करें कि रुद्राक्ष आपके शरीर से सीधे संपर्क में रहे, ताकि इसका प्रभाव
आपको पूर्णतया दिखाई दे।
अगर आप
भी रुद्राक्ष पहनना चाहते हैं और जीवन में सभी बाधाओं को दूर करना चाहते हैं? तो www.onlineprasadam.com से संपर्क करें.




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